मुंबई, 13 अक्टूबर 2025: जब पूरी दुनिया में व्यापार युद्धों और कड़े राजनीतिक बयानों का दौर चल रहा है, ऐसे में भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों का मजबूत होना एक सुखद परिवर्तन लेकर आया है। पिछले सप्ताह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक रिश्तों को और गहरा किया है।
यूएस और यूरोप से अलग राह
भारत के अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार वार्ताओं के मुकाबले ब्रिटेन के साथ रिश्ते ज्यादा स्थिर और व्यवहारिक दिखाई देते हैं। जहां अमेरिका के साथ वार्ताएं “अनिश्चित और नाटकीय” रही हैं, वहीं ब्रिटेन के साथ संबंध “बिना शोर-शराबे के” विकसित हो रहे हैं।
ऐतिहासिक सौदों ने मजबूत किए रिश्ते
स्टारमर की टीम ने 100 से अधिक उद्योगपतियों और शिक्षाविदों के साथ भारत का दौरा किया और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए:
- 350 मिलियन पाउंड की मिसाइल सप्लाई डील
- 64 भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में 1.3 बिलियन पाउंड का निवेश
- यश राज फिल्म्स द्वारा ब्रिटेन में तीन फिल्मों की शूटिंग
- दो ब्रिटिश यूनिवर्सिटीज द्वारा भारत में कैंपस स्थापित करना
व्यापार की अपार संभावनाएं
आंकड़े बताते हैं कि भारत ब्रिटेन के कुल माल निर्यात का apenas 2% हिस्सा है, जबकि ब्रिटेन भारत के निर्यात का apenas 3%। यह आंकड़ा ही दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने की अपार संभावनाओं को दर्शाता है।
निष्कर्ष
यह “परिपक्व साझेदारी” दर्शाती है कि कैसे दो लोकतांत्रिक देश बिना अहंकार और झगड़े के, केवल आपसी फायदे के लिए एक साथ काम कर सकते हैं। यह रिश्ता भविष्य में और मजबूत होता दिख रहा है।