
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वैश्विक निजी इक्विटी कंपनी वारबर्ग पिंकस की सहयोगी कंपनी करंट सी इन्वेस्टमेंट्स B.V को IDFC फर्स्ट बैंक में 9.99% हिस्सेदारी खरीदने की मंज़ूरी दे दी है। यह मंज़ूरी शनिवार को बैंक द्वारा स्टॉक एक्सचेंज में दाखिल एक आधिकारिक दस्तावेज़ के ज़रिए सार्वजनिक की गई।
इससे पहले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने भी 3 जून को इस निवेश को मंज़ूरी दी थी। करंट सी ने अप्रैल में CCI के पास इस हिस्सेदारी अधिग्रहण की अनुमति के लिए आवेदन किया था।
बोर्ड सदस्य की नियुक्ति पर मतभेद
दिलचस्प बात यह है कि यह नियामकीय मंज़ूरी उसके तुरंत बाद आई है जब IDFC फर्स्ट बैंक के शेयरधारकों ने करंट सी इन्वेस्टमेंट्स के एक गैर-सेवानिवृत्त बोर्ड सदस्य की नियुक्ति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। केवल 64.1% शेयरधारकों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि इसे पास करने के लिए कम से कम 75% अनुमोदन आवश्यक था।
7,500 करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश
इससे पहले, वारबर्ग पिंकस और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) ने मिलकर 7,500 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश की घोषणा की थी। यह निवेश परिवर्तनीय अधिमान्य शेयरों के ज़रिए किया जाएगा। इस योजना के तहत:
करंट सी इन्वेस्टमेंट्स को 81.26 करोड़ अधिमान्य शेयर
और ADIA समर्थित प्लैटिनम इन्विक्टस को 43.71 करोड़ शेयर
60 रुपये प्रति शेयर की दर से जारी किए जाएंगे।
निष्कर्ष:
यह डील न केवल IDFC फर्स्ट बैंक की पूंजी आधार को मज़बूत करेगी, बल्कि यह भारत के बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेशकों के बढ़ते विश्वास को भी दर्शाती है।
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